PRINCIPAL'S MESSAGE
प्राचार्य का संदेश
विद्यालय वह पावन स्थल है जहां पर समाज की नई पीढ़ी के मन में सामाजिक चेतना का जागरण एवं राष्ट्र निर्माण के बीजों का अंकुरण किया जाता है। विद्यालय से महाविद्यालय तक की यात्रा के मध्य विद्यार्थियों का मस्तिष्क एक सीमा तक परिपक़्व हो चुका होता है तथा इस समय तक वे अपने भविष्य का चिंतन करना प्रारंभ कर चुके होते हैं। ऐसे समय में महाविद्यालय में कार्यरत प्रबुद्ध शिक्षक मंडल का यह दायित्व बन जाता है कि वे छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य के लिए न केवल उनका मार्गदर्शन करें वरन उनमें सामाजिक चेतना एवं राष्ट्र निर्माण की भावना को भी पुष्ट करे।
वर्तमान समय में भारत सरकार द्वारा नई पीढ़ी में राष्ट्रीय भावना के विकास पर अत्यधिक कार्य किया जा रहा है। यह सत्य है कि राष्ट्रीय चेतना के अभाव में किसी भी राष्ट्र का तीव्र गति से विकास किया जाना संभव नहीं है तथा राष्ट्र के उत्थान में नागरिकों का उत्थान निहित है। किसी भी राष्ट्र की नई पीढ़ी अपने साथ नहीं सोच तथा विकास की संभावनाओ को समाहित किए होती है, ऐसे में महाविद्यालय स्तर पर छात्र-छात्राओं को राष्ट्र निर्माण की सोच के साथ जोड़ने की आवश्यकता है। इस महत्वपूर्ण कार्य का संपादन भारत सरकार द्वारा समय-समय पर घोषित प्रतीकात्मक कार्यक्रमों को उत्साह पूर्वक सफल बनाकर सरलता पूर्वक किया जा सकता है।
वर्तमान स्थिति में मेरा सभी शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं से विनम्र अनुरोध है कि वे भारत के गौरवपूर्ण अतीत से स्वयं को जोड़ने एवं भविष्य के संपन्न एवं शक्तिशाली भारत का निर्माण करने के लिए जन-जन में राष्ट्रीय चेतना के स्वरूप को अंकुरित एवं पल्लवित करें तथा राष्ट्र प्रथम की भावना को पुष्ट करें।
हम करें राष्ट्र आराधन,
हम करे राष्ट्र आराधन,
तन से, मन से, धन से,
तन मन धन जीवन से,
हम करें राष्ट्र आराधन।।
अन्तर से, मुख से, कृति से,
निश्छल हो निर्मल मति से,
श्रद्धा से मस्तक नत से,
हम करें राष्ट्र अभिवादन।।
हम करें राष्ट्र आराधन, हम करे राष्ट्र आराधन।।
डॉ. मनीष कुमार अग्रवाल
प्राचार्य