पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जिला सहारनपुर अपनी हरीतिमा और उर्वरा भूमि के साथ-साथ ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक वैशिष्ट्य के कारण विशेष स्थान रखता है। इतिहास-चेतना और सांप्रदायिक सौहार्द को अपने में समेटे यह जिला सदानीरा , मां गंगा और तनुजा (यमुना) के मध्य अवस्थित है। इसी जिले में उत्तराखंड की सीमा से सटा प्राकृतिक सौंदर्य से पूर्ण ग्राम कपूरी गोविंदपुर पावन गंगा की दो जलधाराओं (नहरों) के तट पर स्थित है। भौगोलिक दृष्टि से देखें तो यह महाविद्यालय 29 डिग्री 41'45" N अक्षांश एवं 77 डिग्री 44'30" E देशांतर पर स्थित है, जबकि ग्राम कपूरी गोविंदपुर का रकबा 29 डिग्री 41' से लेकर 29 डिग्री 42 ' N अक्षांश तथा 77 डिग्री 44 ' से लेकर 77 डिग्री 45 ' E देशांतर के अंतर्गत है।
अपने विपुल प्राकृतिक सौंदर्य के बीच इस क्षेत्र के साथ यह संयोग ही रहा है कि यहां उच्च शिक्षा का कोई संस्थान उपलब्ध नहीं था। किंतु क्षेत्र का कोई पुण्य उदय हुआ और भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान' (RUSA) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 29 अप्रैल 2015 को उच्च शिक्षा अनुभाग-5 के शासनादेश संख्या - 1093 /सत्तर-5-2015 - 70 (32 )/2014 के माध्यम से इस ग्राम कपूरी गोविंदपुर में स्नातक शिक्षा के लिए कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय में बीoएo, बीoकॉमo एवं बीoएस-सीo कक्षाओं से युक्त सहशिक्षा का राजकीय महाविद्यालय संचालित करने की अनुमति प्रदान की गई तथा भवन निर्माण प्रारंभ हुआ।